Our Publication

मानव संसाधन विकास एवं प्रबन्धन की रूपरेखा


ISBN : 81-89267-09-4
Price : INR 750/-

Follow us

मानव संसाधन विकास एवं प्रबन्धन की रूपरेखा

About Book - किसी भी राष्ट्र का निरन्तर विकास उसके मानवीय संसाधनों पर निर्भर करता है क्योंकि भौतिक संसाधनों का संग्रह एवं इनका अधिकतम मात्रा में उपयोग मानवीय संसाधनों की योग्यता, निपुणता एवं कर्मठता पर आधारित होता है। प्र्रस्तुत पुस्तक मानव संसाधनों के विकास एवं प्रबन्धन की रूपरेखा का वर्णन करती है जो कि प्रबन्ध के विद्यार्थियों, शिक्षकों एव ंप्रयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी है, क्योकि प्रबन्ध के किसी भी स्तर के पाठ्यक्रम का मानव संसाधन विकास एवं प्रबन्धन महत्वपूर्ण अंग होता है। इस पुस्तक में 15 अयाय है, जिनके माध्यम से मानव संसाधन प्रबन्धन एवं विकास की अवधारणसाओं की विवेचना, इनकी प्रकृति, क्षेत्र, दर्शन एवं सिद्धान्तों की व्याख्या की गई है। इसके साथ ही मानव संसाधन नियोजन, कार्य विश्लेषण, भर्ती प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया, कार्य का नियुक्ति, कार्य परिचय, कर्मचारी प्रशिक्षण, प्रबन्ध विकास, पदोन्नति, स्थानान्तरण, पद अवनति, पृथक्करण, निष्पादन मूल्यांकन, कार्य मूल्यांकन, मजदूरी एवं वेतन प्रशासन, अभिप्रेरण, मनोबल, अनुशासन एवं अनुशासनात्मक प्रक्रिया का विधिवत् तथा विस्तारपूर्वक विवेचन किया गया है। पुसतक की भाशा सरल रखी गई है जिससे अवधारणाओं को आसानी से समझा जा सके। इस प्रकार से इस पुस्क में मानव संसाधन प्रबन्धन एवं विकास हिन्दी भाषा में किया गया है, ताकि यह विद्यार्थियों एवं शिक्षकांे के लिए तथा प्रबन्धन की शिक्षा में अपना योगदान दे सकें।

 

About Authors - प्रो. आर.बी.एस. वर्मा लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष एवं इस विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे मास्टर ऑफ हयूमन रिसोर्स मैनेजमेण्ट एवं इण्डस्ट्रियल रिलेशन्स पाठ्यक्रम के निदेशक हैं। प्रो. वर्मा की हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में पांच पुसतकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें से हिन्दी भाषा में लिखित ''औद्योगिक अधीक्षण'' तथा अंग्रेजी भाषा में लिखित ''सुपरवाइजरी मैनेजमेण्ट'' उल्लेखनीय है। इसके अतिरिक्त इनके पैंतीस लेख विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं तथा इन्होंने लगभग दो दर्जन संगोष्ठियों एवं कार्यशालाओं में अपने लेख प्रस्तुत किये हैं।

डा0 अतुल प्रताप सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय के समजा कार्य विभाग में अतिथि प्रवक्ता के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं। डॉ0सिंह ने औद्योगिक संगठनों से सम्बन्धित अनुशासनात्मक प्रक्रिया पर अपना शोध कार्य किया है। इसके साथ ही इन्होंने विभिन्न विषयों से सम्बन्धित शोध परियोजनाओं में अपना योगदान दिया है तथा लगभग एक दर्जन संगोष्ठियों में भाग लिया है।


ISBN : 81-89267-09-4
Price : INR 750/-